Monday, March 24, 2008
आरके शर्मा को उम्रकैद
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने सनसनीखेज शिवानी भटनागर हत्या मामले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आर के शर्मा को सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि बेहतर सर्विस रिकार्ड के कारण शर्मा को मृत्युदंड की सजा सुनाना सही नहीं है।
पत्रकार की जघन्य हत्या मामले में तीन अन्य दोषियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई। मामले की सुनवाई औपचारिक रूप से सोमवार को समाप्त हो गई। पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी को सजा सुनाए जाने को लेकर यह मामला अपना अलग स्थान रखेगा।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार शास्त्री ने अभियोजन पक्ष की उस दलील को ठुकरा दिया कि दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस अधिकारी के रूप में आर के शर्मा का सर्विस रिकार्ड बेहतर रहा है और इस मामले में अत्यधिक कड़ी सजा की जरूरत नहीं है। खचाखच भरी अदालत में सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि शर्मा का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। शर्मा के अलावा भाड़े के हत्यारे प्रदीप शर्मा, श्री भगवान और सत्यप्रकाश को मामले में सजा सुनाई गई।
नौ साल पुराने इस मामले में न्यायाधीश ने शर्मा पर 20 हजार रुपये का जबकि तीन अन्य दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने 1976 बैच के आईपीएस अधिकारी शर्मा और तीन अन्य आरोपियों को शिवानी की पूर्वी दिल्ली के एक अपार्टमेंट में 23 जनवरी 1999 को हत्या की साजिश रचने के मामले में 18 मार्च को दोषी ठहराया था।
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